Thursday, October 23, 2008


आदिम जनजातियों के संरक्षण एवं कल्याण के लिए
विभिन्न योजनाओं के समन्वय से बहुउद्देश्यीय सेवा केंद्र बनाएं

-बलराम
झारखंड अलग राज्य के गठन की अवधारणा का मूल आधार विभिन्न जनजातियों का समुचित विकास और उन्हें संरक्षण प्रदान करना था। लेकिन राज्य बनने के आठ वषZ बाद भी आदिम जनजातियों के विभिन्न हिस्सों की स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। हाल के दिनों में भूख और बीमारी से हुई मौतें तो महज अब तक इस मामले में बरती गयी उदासीनता को उजागर करने वाला संकेतक मात्र है। इसलिए बेहतर होगा कि इन संकेतकों को गंभीरता से लेते हुए तत्काल हम ठोस, समिन्वत एवं दीघZकालिक कदम उठायें।केंद्र तथा राज्य सरकार की अनगिनत योजनाएं हैं जिनका लक्ष्य विभिन्न प्रकार के वंचित एवं जरूरतमंद तबकों के हितों की रक्षा एवं उनका कल्याण करना है। आदिम जनजातियों के हित में वर्तमान कार्यभार को पूरा करने की दिशा में हमें ऐसी समस्त योजनाओं एवं कार्यक्रमों को समिन्वत करने का एक रचनात्मक प्रयास करना चाहिए। इसके जरिये हम एक बहुउद्देश्यीय सर्विस केंद्र स्थापित करें तो ठोस एवं दूरगामी सफलता मिल सकती है। इसके लिए बिंदुवार सुझाव इस प्रकार हैं-
• आदिम जनजातियों की आबादी के प्रत्येक इलाके में बहुउद्देश्यीय सर्विस केंद्र यानी मल्टी परपस सर्विस सेंटर स्थापित करें
• इस केंद्र को मुख्यत: इन बिंदुओं पर काम करना है
खाद्य सुरक्षा या फूड सिक्यूरिटीव रोजगार सुरक्षा या जोब सिक्यूरिटीव वोकेशनल ट्रेनिंगव केंद्र एवं राज्य की विभिन्न योजनाओं का लाभ दिलाने का सिंगल विंडो टाइप सिस्टम
• इस केंद्र में एक सामुदायिक रसोईघर या कम्युनिटी कीचन की स्थापना की जाये जहां आदिम जनजातियों के प्रत्येक जरूरतमंद सदस्य को सुबह नाश्ता, दोपहर में भोजन और शाम को अल्पाहार का प्रबंध हो।
• जो आदिम जनजाति जिस पेशे से जुड़ी है या जिस कार्य में उसकी दक्षता है, उससे संबंधित वोकेशनल प्रिशक्षण का प्रबंध इस केंद्र में हो।
• समेकित बाल विकास परियोजना यानी आइसीडीएस के अंतर्गत मिलने वाली सभी सेवाओं का संचालन इस केंद्र में हो।
• स्वास्थ्य संबंधी नियमित जांच एवं सभी स्वास्य सेवाएं सुनििश्चत करना
• जननी सुरक्षा योजना का लाभ दिलाना
• जनवितरण प्रणाली का लाभ, अंत्योदय योजना का लाभ
• वृ़द्धावस्था पेंशन का लाभ दिलाया
• पोषण की व्यवस्था
• नरेगा के तहत मिलने वाली सुविधाए प्रदान करना
ऐसे केंद्रों का संचालन करने के लिए राज्य सरकार के आदिवासी कल्याण विभाग के द्वारा प्रत्येक केंद्र में एक ऐसे मल्टी-स्कील्ड वर्कर की नियुक्ति की जाये जिसे इन सभी योजनाओं एवं कार्यक्रमों की समुचित जानकारी हो।
उसके तीन काम होंगे- 1। केंद्र का संचालन, 2। प्रखंड कार्यालय के साथ लिंक परसन के रूप में काम करना। 3। सभी योजनाओं की निगरानी एवं जिला उपायुक्त को सीधे रिपोर्ट करना
इस रिपोर्ट के आधार पर उपायुक्त मासिक समीक्षा करेंगे और समुचित कदम उठायेंंगे।प्रत्येक तीन महीने पर राज्य के मुख्य सचिव हर जिले की समीक्षा करेंगे।

5 comments:

संगीता पुरी said...

नए चिट्ठे के साथ हिन्दी चिट्ठा जगत में आपका स्वागत है...अच्छा लिखते हैं आप ... आशा है आप अपनी प्रतिभा से चिट्ठा जगत को समृद्ध करेंगे.... हमारी शुभकामनाएं भी आपके साथ है।

अभिषेक मिश्र said...

swagat hia Mahoday aapka, Jharkhand par is sarthak blog ke sath.

avinash said...

balram jee aapne jo rti par meeting kar wai jisme arjun munda bhi aaye uska cd ho sake toe bhejne ka kasht kare,jisase mae story dd news ke jaanane ka haq program mae dikha saku,nahi to aapna mobile number mail pe daal de,aise mera number par contact kar sakte hai-09999133977,mae ddnews mae posted hu.

रचना गौड़ ’भारती’ said...

अच्छा लिखा है.

filertiguru said...

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